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एक दिन राजेश हमारे बिल्डिंग के नीचे के ग्राउंड में रस्सी से बनी काट के ऊपर सोया हुआ था। और हम सब घर के अंदर थे कि अचानक राजेश की आवाज़ सुनाई दी।

तुम रात को बरगद के पेड़ से लिपटे हुए बेहोश पड़े थे। तुम्हारे साथ क्या हुआ था? मैंने उन्हें अपने साथ जो हुआ वो सब बताया। उस समय मेरा दोस्त सोमधर भी वहाँ ही था। वो बोला कि मैं तो रात को अपने घर पर सो रहा था।

एक तो पहले से ही दुबले-पतले, ऊपर से दुगुने राशन की आफत।

   मुझे आश्चर्य ,डर दोनों हुवा। मैंने मैन डोर ठीक से बंद की थी। कौन अंदर घुसा?! बैडरूम से कौन आ सकता है। वहाँ की किडकी से तो कोई इंसान घुस नहीं सकता तो यह कौन है?! बहुत डर लगा!! लेकिन उठने की हालत नहीं थी। सही होता तो देखता कौन है। मजबूरी में वहीं पड़ा रहा और बंद आंखों से सब सुनता गया। वह कदम मेरे पास से गुज़र कर रसोई की तरफ गए और रसोई का दरवाजा आवाज़ करते हुए खुली। फिर रसोई में बर्तनों के आवाज़!

हम सभी हँसने लगे और उससे कहने लगे कि क्या फ़ालतू की बात कह रहा है। भला, कोई इस जंगल में इतनी रात में क्यों जायेगा। कहीं कोई जंगली जानवर मिल गया तो शामत पक्की है। (हाहाहा…. सब हँसने लगे।)

यह उस समय की बात है जब इस टनल में पानी नहीं था। उस समय टनल के दक्षिण तरफ एक लकड़ी का घर था। उस घर में एक बाप बेटी रहा करते थे। उस समय टनल के पास बहुत तेज हवा चल रही थी, और चारों तरफ भयानक अंधेरी रात थी। इसी दौरान उस मकान में अचानक आग लग गयी। उस समय घर में वो लड़की अकेले अपने पिछले कमरे थी। हवा का रूख भी उसी तरफ था और देखते-देखते आग ने पुरी तरह उस मकान को अपने आगोश में ले लिया। तब लड़की को आग का पता चला तो वो घर के पिछले हिस्‍से से भागने के लिए उठी, तब तक आग ने रौद्र रूप धारण कर लिया था और मकान का एक हिस्‍सा उसके उपर आ गिरा। लड़की किसी तरह वहां से भागी लेकिन उसके कपड़ो में आग पकड़ चुकी थी। लड़की खुद को बचाने के लिए टनल की तरफ भागी ताकि वो टनल के पानी में कूद सके। लेकिन जब तक वो टनल तक पहुंची वो बुरी तरह जल चुकी थी और जब उसने टनल में छलांग लगायी तो सीधे जमीन पर आ गिरी।असली भूत की कहानी।

यह कहानी एक गांव की है, उस गांव में एक बहुत पुराना कुआं था गांव के लोग उस कुए का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करते.

इसके बाद मोहन उस औरत के साथ उसी घर में रहने लगा। मोहन को भैंसों का दूध पीने के अलावा कोई काम नहीं आता था। ऐसे में कुछ दिन बाद जब घर का राशन खत्म होने लगा तो महिला ने उससे कहा कि वह बाहर जाकर कुछ कमा कर लेकर आए या फिर राजा के पास जाकर खेती के लिए जमीन मांग ले ताकि वह खेती कर अपना भरण पोषण कर सके।

घर के अंदर का माहौल बाहर के जैसा भयानक था। छत से जाले लटक रहे थे और हर कदम पर कुछ न कुछ सामान बिखरा परा था। अचानक, गौरब को ऊपर एक आवाज सुनाई दी। उसे लगा की आसपास कोई चल रहा है। गौरब हिम्मत करके ऊपर गया और देखा लम्बी बाल वाली एक औरत सफ़ेद साडी में उसके तरफ आ रही है।

और सच यही है कि मरने के बाद अतृप्त और असंतुष्ट आत्माएं इंसानी दुनिया में वापस आती हैं और उनके इस दखल से जीते-जागते लोग तो प्रभावित होते ही हैं साथ ही वह मरने के बाद भी अगर उनकी इच्छाएं पूरी नहीं होतीं तो वह खुद भी परेशान रहती हैं.

राजू ने सच्ची खुशी का मतलब समझा और खिलौने की महत्वपूर्णता को समझा। वह अब खिलौने के साथ हर क्षण को आनंदित करता था, क्योंकि वह समझ गया था कि वास्तविक खुशी विभिन्न रूपों में मौजूद हो सकती है, और इसे हमें स्वीकार करना चाहिए।

 अचानक से कोई मेरे ऊपर बैठ गया और जोरजोर से मेरा गला दबाने लगा। पूरा शरीर भारी!! कोई मेरे ऊपर बैठा है और गर्दन दबा रहा है!! लेकिन मैं चिल्लाने here की कोशिश करूं लेकिन बोल नहीं पा रहा। बहुत डर गया था। वह अनदेखी ताकत लगातार मेरे गले को दबा रही थी। मुझे याद आया कैसे मैं भूत को बहुत कुछ कह गया। मैंने मुश्किल से उसे बोला" माफ करदे भाई , वह बच्चा डरा हुआ था , उससे हिम्मत देने के लिए तुझे बहुत कुछ कह गया!

गोवा में हर साल हजारो सैलानी आते है लेकिन गोवा में कुछ ऐसी जगहे भी है जिनके बारे में लोगो को पता भी नहीं होगा

सत्य और ईमान के रास्ते पर चलने वाली ईमानदारी की कहानी

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